सकर्मक क्रिया किसे कहते है?
सकर्मक क्रिया वह क्रिया है जो वाक्य में एक कर्म को स्वीकार करती है। कर्म वह शब्द है जो क्रिया के द्वारा प्रभावित होता है।
उदाहरण:
- लड़का पढ़ता है। (इस वाक्य में "पढ़ता है" क्रिया है और "लड़का" कर्म है।)
- मैंने पानी पिया। (इस वाक्य में "पिया" क्रिया है और "पानी" कर्म है।)
- उसने एक किताब लिखी। (इस वाक्य में "लिखी" क्रिया है और "एक किताब" कर्म है।)
सकर्मक क्रिया के कुछ लक्षण:
- क्रिया के बाद कर्म अवश्य होता है।
- कर्म क्रिया के द्वारा प्रभावित होता है।
- कर्म को वाक्य से हटाने पर वाक्य अधूरा हो जाता है।
सकर्मक क्रिया के कुछ उदाहरण:
- खाना
- पीना
- लिखना
- पढ़ना
- बोलना
- सुनना
- देखना
- करना
- बनाना
- तोड़ना
अकर्मक क्रिया:
अकर्मक क्रिया वह क्रिया है जो वाक्य में कर्म को स्वीकार नहीं करती है।
उदाहरण:
- वह रोता है। (इस वाक्य में "रोता है" क्रिया है और कोई कर्म नहीं है।)
- मैं सोता हूं। (इस वाक्य में "सोता हूं" क्रिया है और कोई कर्म नहीं है।)
- पक्षी उड़ता है। (इस वाक्य में "उड़ता है" क्रिया है और कोई कर्म नहीं है।)
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